गौ सेवा में जुटा पूरा गांव, न आवारा पशुओं का डर, न फसल का नुकसान
गांव के वरिष्ठ समाजसेवी एवं पशु प्रेमी वीरेंद्र प्रताप बीनू चौहान की अनूठी पहल
करेली नरसिंहपुर जिले का छोटा सा गांव मोहद जिसकी (जनसंख्या लगभग 3,500) आज पूरे जिले में गौ सेवा और मूक पशुओं के संरक्षण की मिसाल बन गया है। कुछ वर्षों पहले तक यहां की गलियों और खेतों में आवारा पशु घूमते थे, फसलें बर्बाद होती थीं और सड़क हादसों का खतरा बना रहता था।राज्य सरकार ने यहां कामधेनु गौशाला तो बना दी, लेकिन वहां के मवेशियों को भरपेट और पौष्टिक भोजन नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में गांव के ही समाजसेवी और पशु प्रेमी बीनू चौहान ने एक अनूठी पहल शुरू की—”हर घर से एक रोटी गाय के नाम”।गांव की चौपाल पर एक बड़ा बर्तन रखा गया, जहां हर परिवार सुबह-शाम एक-एक रोटी डालता है। फिर इन रोटियों को एकत्र कर गौशाला में मवेशियों को खिलाया जाता है। शुरुआत में यह एक छोटी पहल थी, लेकिन आज यह गांव की परंपरा बन गई है।इस पहल का असर साफ दिख रहा है—अब मोहद की गलियों में न तो आवारा पशुओं से खेतों को नुकसान है, न ही सड़क हादसों का डर। ग्रामीणों के सामूहिक सहयोग से मूक प्राणियों को भरपेट भोजन मिल रहा है, और मोहद पूरे जिले ही नहीं, प्रदेश के लिए भी प्रेरणा का केंद्र बन गया है।

मुलताई में कुछ बैंक, कुछ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बिना पार्किंग के संचालित हो रहे हैं, तथा कुछ लोगों ने पार्किंग के लिए जगह बहुत कम दी है। जो वाहन पार्किंग के लिए पर्याप्त नहीं है। इससे ग्राहको को वाहन खड़े करने में बहुत परेशानी होती है। आखिर बिना पार्किंग के बैंक कैसे संचालित हो रहे हैं। ये तो नियमों का उल्लघंन हो रहा है। सड़क किनारे वाहन खड़े करने से यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। कई बार दुर्घटना तक हो जाती है। सरकारी जमीन पर वाहन खड़े हो रहे हैं । जबकि जिस भवन मे बैंक संचालित होती है उसकी स्वयं की पार्किंग होना जरूरी है। मुलताई में संचालित सभी बैंकों की पार्किंग व्यवस्था की जांच होना चाहिए।
कुछ बेसमेंट बिना अनुमति के बने हैं। कुछ व्यावसायिक भवनों के नक्शे बिना पार्किंग दिए पास हुए हैं। कुछ लोगों ने सरकारी जमीन पर पक्का अतिक्रमण कर लिया है। जांच होना चाहिए।
रवि खवसे, मुलताई (मध्यप्रदेश)