चेन्नई/छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप से 23 बच्चों की दर्दनाक मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। मध्य प्रदेश पुलिस ने तमिलनाडु के चेन्नई से दवा निर्माता कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक रंगनाथन गोविंदन को हिरासत में ले लिया है। रंगनाथन पर गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है और उनकी गिरफ्तारी पर 20,000 रुपये का इनाम भी घोषित था।
यह मामला तब सामने आया जब मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में खांसी-जुकाम और बुखार से पीड़ित बच्चों को ‘कोल्ड्रिफ’ नामक कफ सिरप दिया गया, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। जांच में पता चला कि बच्चों की किडनी फेल हो रही थी। अब तक इस जहरीले सिरप के सेवन से 23 मासूमों की जान जा चुकी है। कई अन्य बच्चों का अभी भी नागपुर के अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।
जहरीले रसायन डाईएथिलीन ग्लाइकॉल की पुष्टि
सरकारी प्रयोगशाला में हुई जांच में सिरप के सैंपल में जानलेवा औद्योगिक रसायन ‘डाईएथिलीन ग्लाइकॉल’ (Diethylene Glycol – DEG) की भारी मात्रा पाई गई। यह रसायन इंसानों के लिए बेहद जहरीला होता है और इसके सेवन से किडनी फेल हो सकती है, जिससे मौत हो जाती है।
मुख्य आरोपी पर इनाम और SIT का गठन
मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्य प्रदेश पुलिस ने श्रीसन फार्मा के फरार मालिक रंगनाथन पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था और उसकी तलाश के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था। एसआईटी की टीम ने लगातार दबिश देते हुए अंततः उसे चेन्नई से पकड़ लिया।
डॉक्टर पहले ही हो चुका है गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस पहले ही छिंदवाड़ा के परासिया के एक बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर चुकी है। आरोप है कि डॉ. सोनी ने ही कई पीड़ित बच्चों को यह जहरीला कफ सिरप लेने की सलाह दी थी। हालांकि, स्थानीय डॉक्टर संघ ने डॉ. सोनी की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए दवा निर्माता कंपनी और सरकारी तंत्र की विफलता को जिम्मेदार ठहराया है।
सरकार की कार्रवाई
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने पुष्टि की है कि मौतों का आंकड़ा 23 तक पहुंच गया है। सरकार ने मामले में लापरवाही बरतने पर छिंदवाड़ा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) और दो ड्रग इंस्पेक्टरों सहित कई अधिकारियों पर कार्रवाई की है। राज्य सरकार ने कोल्ड्रिफ सिरप सहित श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के सभी उत्पादों की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही, देश के कई अन्य राज्यों ने भी एहतियातन इस सिरप पर रोक लगा दी है।
इस हृदयविदारक घटना ने देश में दवाओं की गुणवत्ता और नियामक प्रणाली पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शोक संतप्त परिवार दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
